शांति , समृद्धि और विचार
विचारों से क्रांति आने का खतरा
सदा बना रहता है ।
और हम सब जानते हैं कि क्रांति और शांति विरोधी हैं।
इसलिए ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते
हमारी पूरी कोशिश होनी चाहिए की हम
शांति से जिए , शांति से खायेें व शांति से पियें ।
( भोजन , स्वच्छ पानी व जीवनी की अनुपस्थिति में
काल्पनिक अन्न , जल व नौकरी का विचार करने में संकोच ना करें )
इसलिए यह अनिवार्य है
की हम स्वयं को सोच , विचार
जैसे व्यसनों से दूर रखें।
जनता को शांति प्रदान करने के लिए
यदि सरकार को शांति भंग भी करनी पड़े (अस्थायी रूप से)
तो हमें उनके इस सराहनीय कदम
का बिना कोई विचार किये समर्थन करना चाहिए।
आखिर जनकल्याण ही तो
सरकार का सर्वोच्च कर्तव्य है।
इस बात का सदा स्मरण रहे
कि आपका एक विचार देश
की प्रगति में बाधा बन सकता है।
इसलिए आप सब से आग्रह है कि
विचारों को अपने मूल्यवान जीवन से दूर रखें।
यदि किसी कारण वश
आप ऐसा करने में असमर्थ हों
तो चिंता ना करें ,
बस उन विचारों को व्यक्त ना करें।
आपका विचारहीन जीवन
शांती का सूचक होगा
और जहाँ शांति है
वहीं समृद्धि है।
इस संदर्भ में यदि
आपके मन में कुछ प्रश्न
या विचार उठते हों तो उन्हें
तुरंत तिलांजलि दे दें ।
हाँ, आप विचार करने का विचार
अवश्य कर सकते हैं।
विचारशील व्यक्ति वही
है जो विचार के विचार में
विचार करे और उन सब विचारणीय
विचारों का विचार करते करते
समाधी को उपलब्ध हो जाये।
( वैसे समाधी पाने का एक सरल रास्ता
विचार मुक्त मन जाता है
इसलिए विचार ना ही करें तो ठीक )
देश हित में ही हमारा हित है
इसलिए आप से सविनय
निवेदन है कि उपरोक्त अनुरोध
का अनुसरण करें
और ज़्यादा विचार ना करें।
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